Labels

Monday, June 11, 2018

कौवों का हमला - अजय सिंह ‘रावण’


कौवों का हमला
लेखक: अजय सिंह ‘रावण’

मैं बाल साहित्य को छोटी छोटी कहानियों के रूप में पढना ज्यादा पसंद करता हूँ, बाल ‘उपन्यासों’ ने मुझे बचपन से अभी तक कभी प्रभावित नहीं किया, पता नहीं क्यों बोरिंग लगा करती थी, हालाँकि इस किताब को पढने के बाद मेरा विचार बदल गया है.. अभी जब इस किताब को ख़रीदा तो कारण केवल यह था कि यह लेखक की पहली किताब थी और मैं बस प्रोत्साहित करना चाहता था. मुझे किताब ख़रीदने के बाद ही पता चला था कि लेख़क पहले से ही लेखन कार्य में हैं और काफी अनुभव रखते हैं.

बाल साहित्य को एक बच्चा बनकर पढने में ही ज्यादा मज़ा आता है. जब इस बुक को ख़रीदा था तो यही सोच कर खरीदा था कि कुछ हल्का फुल्का मनोरंजन हो जायेगा. किताब पढ़ते समय मैं अपने आपको करीब 20 साल पीछे ले गया और पढना शुरू किया. शुरुआत (लगभग 10-15%) में थोड़ी समस्या आई, पात्रों से और नॉवेल की गति से सामंजस्य बैठाने में, नॉवेल को एक बार छोड़ना भी पड़ा, पर जब एक बार सेटिंग बैठ गई तो बाकि 85% उपन्यास एक सिटिंग में ही पूरा किया.

उपन्यास के पात्र अपने आस पास के ही लगते हैं, एक हायर मिडिल क्लास परिवार जैसे पर हाँ, हर घर में शायद इतने गैजेट्स न मिल पायें, पर ये सब कहानी के लिए जरुरी था. खुद मेरे अपने बचपन में मुझे गैजेट्स इकठ्ठा करने का शौक था. बच्चे कैसे सोचते हैं, कैसा व्यव्हार करते हैं उनके पापा मम्मी से सम्बन्ध कैसे होते हैं, काफी वास्तविक सा बन पढ़ा है इस उपन्यास में..

एक पाठक साहब का उपन्यास है जिसमे पूरी कहानी की शुरुआत एक गाय के रंभाने से शुरू होती है और उसके पीछे का कारण जानकार बहुत आश्चर्य होता है, कुछ उसी तरह इस उपन्यास में उपन्यास का प्रमुख पात्र कौवों का एक झुण्ड देखता है और हैरान होता है कि वो कांव! कांव!! क्यों नहीं कर रहे और बस कहानी आगे बढती है और पाठकों को बाँध के रखती है.

उपन्यास में लेखक का पूर्व अनुभव खूब दिखाई देता है और उपन्यास पर पूरी तरह उनकी पकड़ रही है. उपन्यास बहुत शानदार बन पढ़ा है और मैं इसे अपने रिश्तेदारों में पढने के लिए देना चाहता हूँ.. मुझे लगता है इन गर्मी की छुट्टियों में यह उनका भरपूर मनोरंजन करेगा.

उपन्यास एक बाल उपन्यास तो है पर लगभग 8वीं क्लास से ऊपर के बच्चों के लिए ज्यादा मज़ेदार होना चाहिए (ऐसा मुझे लगता है).

सुधार के खाते में:
उपन्यास के शुरुआत में उन्नत के परिवार को थोड़े से ज्यादा (5-6) पेज दिए जाने चाहिए थे, मेन प्लाट शुरू करने से पहले, इससे बच्चे कहानी से ज्यादा जुडाव महसूस करेंगे.

भविष्य के उपन्यासों के लिए शुभकामनायें..


रेटिंग: 4

शोभित गुप्ता

No comments:

Post a Comment

few words please..